भारत में 5G इंटरनेट का अगला चरण: Rural Areas में रोलआउट
भूमिका
भारत में इंटरनेट की कहानी बड़ी रोचक है। एक समय था जब गाँव में सिर्फ BSNL का धीमा 2G नेटवर्क ही उम्मीद था। फिर आया Jio, और देखते-देखते हर हाथ में स्मार्टफोन और हर घर में इंटरनेट पहुँच गया।
अब कहानी का नया अध्याय शुरू हो चुका है—5G इंटरनेट।
शहरों में तो 5G का टेस्ट और सर्विस कई जगह चालू है, लेकिन असली बदलाव तब आएगा जब गाँव और छोटे कस्बों तक ये सुविधा पहुंचेगी।
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5G से गाँवों को क्या मिलेगा फायदा?
1. तेज़ इंटरनेट स्पीड :
4G में जहां स्पीड 20–40 Mbps तक सीमित रहती है, 5G में 1 Gbps तक स्पीड मिल सकती है।
मतलब, किसान मंडी भाव चेक करे या बच्चा ऑनलाइन क्लास ले, सब बिना रुकावट।
2. ऑनलाइन एजुकेशन में क्रांति
गाँव के बच्चों को भी वही डिजिटल कंटेंट मिलेगा जो शहर के बच्चे देख रहे हैं।
बिना “loading…” स्क्रीन के ऑनलाइन पढ़ाई।
3. ई-हेल्थ सर्विसेज
डॉक्टर वीडियो कॉल से मरीज का चेकअप कर सकेगा।
टेली-मेडिसिन गाँव के लिए वरदान बन सकती है।
4. रोज़गार के मौके
लोग घर बैठे फ्रीलांसिंग, ऑनलाइन बिज़नेस, YouTube, blogging आदि कर सकेंगे।
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सरकार और कंपनियों की तैयारी
भारत सरकार का Vision: 2025 तक देश के सभी ब्लॉक्स में हाई-स्पीड इंटरनेट उपलब्ध कराना।
BSNL 5G प्लान: BSNL 2025 के अंत तक अपने 4G नेटवर्क को अपग्रेड कर 5G लॉन्च करेगा, खासकर ग्रामीण इलाकों में।
Private कंपनियां (Jio, Airtel, Vi):
Jio और Airtel पहले बड़े शहरों में कवरेज दे रहे हैं, फिर टियर-2 और टियर-3 शहरों, उसके बाद गाँवों में विस्तार करेंगे।
Vi भी selected rural pockets में pilot testing कर रहा है।
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Rural Areas में 5G लाने की चुनौतियां
1. इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी
कई गाँवों में अभी भी 4G tower की सही coverage नहीं है।
2. डिवाइस कम्पैटिबिलिटी
5G मोबाइल अभी महंगे हैं, हर किसी के पास तुरंत पहुंच पाना मुश्किल है।
3. लागत और मेंटेनेंस
टावर लगाने, ऑप्टिकल फाइबर बिछाने में काफी खर्च और समय लगता है।
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गाँव में 5G लाने के लिए क्या होना चाहिए?
सस्ती 5G प्लान्स: जैसे Jio ने 4G को सस्ता किया था, वैसे ही 5G को भी affordable बनाना होगा।
स्थानीय तकनीशियन ट्रेनिंग: नेटवर्क खराबी तुरंत ठीक करने के लिए लोकल level पर लोग trained हों।
सरकार–कंपनी साझेदारी: Universal Service Obligation Fund (USOF) का सही इस्तेमाल हो।
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अंतरराष्ट्रीय उदाहरण
दक्षिण कोरिया: वहाँ 5G पूरे देश में बहुत तेजी से फैला क्योंकि सरकार और कंपनियों ने मिलकर rural connectivity पर ध्यान दिया।
चीन: गाँवों में 5G लाने के लिए सरकारी सब्सिडी दी गई और 5G compatible डिवाइस सस्ते में उपलब्ध कराए गए।
गाँव में 5G के बाद कैसा होगा बदलाव?
📌 कल्पना कीजिए:
एक किसान खेत में खड़ा होकर ड्रोन से अपनी फसल की live निगरानी कर रहा है।
बच्चा स्कूल न जा पाने पर भी स्मार्टफोन से इंटरैक्टिव क्लास ले रहा है।
एक बीमार व्यक्ति नजदीकी शहर जाए बिना विशेषज्ञ डॉक्टर से इलाज ले पा रहा है।
ये सब सिर्फ तेज़ इंटरनेट से ही संभव है।
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निष्कर्ष
5G इंटरनेट का गाँवों में रोलआउट सिर्फ नेटवर्क अपग्रेड नहीं है, ये गाँव की अर्थव्यवस्था, शिक्षा और स्वास्थ्य का अपग्रेड है।
अगर सरकार, कंपनियां और लोग मिलकर काम करें, तो आने वाले 2–3 साल में गाँव का डिजिटल चेहरा बदल सकता है।
शहर और गाँव का डिजिटल गै
प मिटाना ही असली Digital India होगा।
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